सत्ता की नई जंग: Bangladesh में Tarique Rahman Factor और इंडिया

सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक
सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक

BNP के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान की 25 दिसंबर 2025 को हुई वापसी को बांग्लादेश की राजनीति में Game Changer Moment माना जा रहा है।
2008 से लंदन में निर्वासन झेल रहे तारिक की घर वापसी ऐसे समय हुई है, जब देश post-Sheikh Hasina era में प्रवेश कर चुका है।

अगस्त 2024 में छात्र-आंदोलन और सैन्य हस्तक्षेप के बाद शेख हसीना की अवामी लीग सरकार का पतन हुआ और उन्हें भारत शरण लेनी पड़ी। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी, जिसने 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव की घोषणा की।

BNP को मिली नई ताकत, ढाका में Power Show

तारिक रहमान की वापसी पर ढाका की सड़कों पर लाखों समर्थकों की मौजूदगी ने साफ कर दिया कि BNP अब सिर्फ विपक्ष नहीं, बल्कि Election Front-Runner बन चुकी है।

“Bangladesh First” Doctrine

तारिक रहमान का फोकस है लोकतंत्र की बहाली, कानून-व्यवस्था, Youth लीडरशिप और Delhi–Islamabad से Equidistance

यह नीति भारत और पश्चिमी देशों को यह संकेत देती है कि BNP अब कट्टरपंथी राजनीति से दूरी बनाना चाहती है।

हालांकि, उनके भाषणों में शेख हसीना सरकार पर तीखे हमले भी दिखे, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।

इतिहास का बोझ, लेकिन बदला हुआ अवतार

तारिक रहमान का अतीत विवादों से भरा रहा है:

  • 2004 का ग्रेनेड हमला केस
  • भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप

लेकिन अंतरिम सरकार द्वारा माफी दिए जाने और खालिदा जिया की गंभीर बीमारी के चलते तारिक BNP के de-facto supreme leader बन चुके हैं।

निर्वासन के दौरान पार्टी को  Zoom  Social मीडिया Digital Campaigns से चलाना उन्हें Modern, Tech-Savvy Leader की छवि देता है।

Election 2026: BNP vs Jamaat-e-Islami vs New Players

अवामी लीग पर प्रतिबंध के बाद 2026 का चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष बनता दिख रहा है।

Political Battle Map (Simplified)

BNP (Tarique Rahman)

  • Democracy, Economy, Law & Order
  • “Bangladesh First”
  • India के साथ Balanced Relations
  • Urban + Youth Support
  • अनुमानित वोट शेयर: 40–50%

Jamaat-e-Islami

  • Islamic State Agenda
  • India विरोधी Narrative
  • Pakistan Leaning
  • Hardline Support Base
  • NCP के साथ गठबंधन की कोशिश

Others (NCP, Jatiya Party)

  • NCP: 2024 आंदोलन से उभरी
  • Youth-centric लेकिन Directionless
  • Jamaat के साथ Alliance की चर्चा
  • Jatiya Party: सत्ता में हिस्सेदारी की तलाश

BNP vs Jamaat: सहयोग नहीं, वर्चस्व की लड़ाई

जहां अतीत में BNP और Jamaat सहयोगी थे, वहीं अब Ideological क्लैश, Vote Bank कम्पटीशन, International Image War देखने को मिल रही है।

BNP Jamaat से दूरी बनाकर खुद को Moderate Nationalist Alternative के रूप में पेश कर रही है, जबकि Jamaat खुद को अगला सत्ता केंद्र मानने लगी है।

India के लिए Strategic Test

भारत के लिए यह स्थिति Catch-22 जैसी है BNP का Moderate रुख राहत देता है लेकिन Jamaat का उभार Northeast सिक्योरिटी Radical नेटवर्क्स Illegal माइग्रेशन जैसी पुरानी चुनौतियां वापस ला सकता है। अब भारत को Leader-Centric Policy से हटकर
Institutional & Multi-Party Engagement अपनानी होगी।

New Leader, New Bangladesh?

तारिक रहमान की वापसी ने BNP को स्पष्ट नेतृत्व, चुनावी धार और अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता दी है। लेकिन 2026 में सत्ता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे Jamaat के कट्टरपंथ को कैसे सीमित करते हैं। Youth Aspirations को कैसे साधते हैं और “Bangladesh First” को नारा नहीं, नीति बना पाते हैं या नहीं।

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