देसी जुगाड़ से करोड़ों तक! गांव से शुरू 10 लाख वाला धमाका

गांव की मिट्टी में सिर्फ आलू, गेहूं या मटर नहीं, आइडिया भी उगते हैं — बस जरूरत है थोड़ी मार्केटिंग, थोड़ी स्मार्ट प्लानिंग और हां, १० लाख का जुगाड़! बिजनेस आइडिया: “ऑर्गेनिक देसी अचार + लोकल हैंडीक्राफ्ट कॉम्बो ब्रांड” लक्ष्य: ऑर्गेनिक अचार (महिला SHG से) + गांव के कारीगरों से बना लोकल क्राफ्ट लोकेशन: किसी भी गांव में जहां संसाधन मिलते हों नाम का सुझाव: “GaonSe” – आपकी देसी रसोई और सजावट का ठिकाना लागत (Total: ₹10 लाख) मद लागत (₹) रॉ मटेरियल (अचार, क्राफ्ट) ₹2,00,000 पैकेजिंग और ब्रांडिंग ₹1,50,000…

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थर्मोकोल छोड़ो, अब पैक करो प्रॉफिट – D2C में है दम- स्टार्टअप शुरू करें

D2C (Direct to Consumer) मतलब – न कोई थोक वाला, न रिटेल वाला, आप सीधे ग्राहक के दिल में घुसो। वेबसाइट, Instagram और WhatsApp ही आपका शॉपिंग मॉल है। किसी जमाने में “थर्मोकोल का गिलास” था, अब “इको-फ्रेंडली ब्रांडेड कप” है। Welcome to D2C world, जहां सस्टेनेबिलिटी बिकती है और इंस्टाग्राम रील चलती है! नोटों पर गांधी जी: मुस्कान में छिपा ‘करेंसी’ का सिक्योरिटी सिस्टम कौन से प्रोडक्ट चलेंगे? (Low Cost, High Demand) बांस वाला टूथब्रश प्लास्टिक को बाय-बाय और बांस को हाई-हाय। हर्बल स्किनकेयर देसी दादी के नुस्खे +…

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चौचक स्टार्टअप आइडिया- “संस्कारी दिखना है? तो किराए पर दूल्हा लो!”

भारत में शादी सिर्फ़ एक पवित्र रिश्ता नहीं, बल्कि सोशल मीडिया प्रूफ है कि “हम भी लाइफ में कुछ कर रहे हैं।” ऐसे में जिनको शादी करनी है Instagram पर फोटो डालने के लिए या पैरेंट्स के सामने सिचुएशन सम्हालने के लिए, उनके लिए आया है – “दूल्हा ऑन रेंट”। पति को झटका, पत्नी का फैसला! अपना दल में ‘प्यार और सियासत’ का ट्विस्ट यह स्टार्टअप उन आधुनिक, करियर-फोकस्ड या सामाजिक दबाव से थकी हुई लड़कियों के लिए है जिन्हें शादी चाहिए – बस थोड़ी देर के लिए। यूएसपी: No…

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स्टार्टअप! Cheel’d Out: चाय भी, WiFi भी — और हर कुल्हड़ में कूलनेस भी

अगर आपके पास ₹2 लाख हैं और आप दिल से सोचते हैं कि “कुछ बड़ा करना है, लेकिन कॉरपोरेट गुलामी नहीं करनी”, तो जनाब, आपका धंधा तैयार है – नाम है “Cheel’d Out – चाय मिलेगी तो सब चील!” ये कोई आम चाय की टपरी नहीं, ये है देसी स्टार्टअप के सपनों का पहला कुल्हड़। यहाँ WiFi मुफ्त है, लेकिन आइडिया महंगे हैं। कुल्हड़ ऐसे कि कैमरा खुद कहे – “Say kadak!” टारगेट ऑडियंस? वो लोग जो ऑफिस नहीं जाते, पर लैपटॉप खोलते हैं। जो Zoom पर मीटिंग में हों,…

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मंदिर के फूलों से बना बिजनेस आइडिया: जहां भक्ति खत्म, वहां से बिज़नेस शुरू

हर दिन भारत के मंदिरों में लाखों किलो फूल चढ़ाए जाते हैं, जिनमें गुलाब, गेंदा, कमल, बेलपत्र जैसे अनेक पवित्र फूल शामिल होते हैं। लेकिन पूजा के बाद यही फूल अक्सर कचरे में फेंक दिए जाते हैं या नदियों में बहा दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इस समस्या को समाधान में बदलने का एक शानदार मौका है – मंदिर के फूलों से स्टार्टअप शुरू करना। आइडिया क्या है? “Temple Flower Recycling” यानी मंदिर में चढ़े फूलों को इकट्ठा करके उन्हें उपयोगी और बिकाऊ उत्पादों में बदलना।…

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खबरों से कमाई का ज़माना! न्यूज़ वेबसाइट खोलें और खुद की मीडिया बना लें

आज का पाठक सिर्फ अखबार नहीं पढ़ता, वो फोन पर “Breaking News”, “Just In”, और “Viral Trends” के लिए स्क्रॉल करता है। यही वजह है कि न्यूज़ वेबसाइट एक तेजी से उभरता हुआ स्टार्टअप मॉडल बन चुकी है। लेकिन क्या वाकई ये एक टिकाऊ और लाभदायक बिज़नेस है? आइए, परत-दर-परत समझते हैं। “कोरोना बोला- मैं थक गया भाई!” केस घटे, सासें फिर से नॉर्मल होने लगीं शुरुआती लागत: कॉफी से कम में मीडिया चलाइए? न्यूज़ वेबसाइट की सबसे बड़ी खूबी है – लो-इन्वेस्टमेंट। आप इसे घर से, लैपटॉप और थोड़े…

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“टेडी बियर बना, पैसा कमा!” – सॉफ्ट टॉय स्टार्टअप से करोड़ों का खेल

सॉफ्ट टॉयज़ यानी टेडी बियर, पिलो डॉल्स, कार्टून कैरेक्टर्स, एनिमल कशन वगैरह बनाकर ऑनलाइन और ऑफलाइन बेचना।बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को क्यूट टॉयज़ पसंद आते हैं — ये ना सिर्फ खेलने के लिए, बल्कि गिफ्टिंग और डेकोरेशन में भी काम आते हैं। IAS की बरसात, लू का बवाल और मस्क-ट्रंप की यारी का धमाल! लागत कितनी आएगी? (Initial Investment) खर्च का नाम अनुमानित राशि (₹) सिलाई मशीन 12,000 फैब्रिक और फिलिंग (रॉ मटेरियल) 15,000 कटिंग/डिजाइन टूल्स 5,000 बेसिक पैकेजिंग मटेरियल 3,000 रजिस्ट्रेशन व मार्केटिंग 10,000 कुल ₹45,000 –…

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पुरानी कार से नई कमाई! सेकंड हैंड व्हील्स, फर्स्ट क्लास डील्स

आजकल लोग कहते हैं – “नई गाड़ी क्यों लेनी, जब पुरानी में भी AC चलता है और EMI नहीं सताती!”सेकंड हैंड कार और बाइक का बिज़नेस अब सिर्फ गराज वालों तक सीमित नहीं रहा। ये एक फुल-टाइम प्रॉफिटेबल स्टार्टअप बन चुका है – खासकर उनके लिए जिनके पास थोड़ी-सी समझ, थोड़ी-सी जगह और काफी सारा ‘सेल्स वाला तड़का’ है। हर सीट पर चिराग! बिहार में चुनाव या पासवान का पावरपैक शो? क्यों करें पुरानी सवारी का धंधा? (क्योंकि नई वाली जेब काटती है) सेकंड हैंड व्हीकल बाजार दिन-दोगुनी, रात-चौगुनी तरक्की…

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“अब प्लास्टिक नहीं, पत्ते से चम्मच चलेगा!” – कमाई भी और हरियाली भी

बायोडीग्रेडेबल कटलरी यानी चम्मच, कांटे, चाकू, स्ट्रॉ, बाउल आदि को प्राकृतिक कच्चे माल से बनाना – यह एक ऐसा स्टार्टअप है जो पर्यावरण संरक्षण के साथ वाणिज्यिक सफलता भी दिला सकता है। यह खासकर सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के बाद बहुत तेजी से बढ़ रहा है। नाइजीरिया मोक्वा बाढ़ 2025: 700 से अधिक मौतों की आशंका, बचाव कार्य बंद कच्चा माल (Raw Material) कॉर्नस्टार्च (मक्का स्टार्च) शुगरकेन बैगास (गन्ने की खोई) बाँस और लकड़ी की छीलन अरारोट पाउडर या राइस ब्रान ये सभी कच्चे पदार्थ 100% बायोडीग्रेडेबल और फूड ग्रेड…

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गांवों से जुड़ा स्टार्टअप आइडिया जो बदल सकता है आपकी किस्मत

भारत के गांवों में हर घर में एक कोना ऐसा होता है जहां पुराना सामान, टूटी चीजें, लोहे की रद्दी और इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ पड़ा होता है।अब सोचिए अगर यही कबाड़ डिजिटल तकनीक से जोड़कर एक सस्टेनेबल इनकम मॉडल बन जाए, तो? आइडिया है — “कबाड़ कनेक्ट” स्टार्टअप। जासूसी का नया चेहरा — हेल्थ वर्कर सहदेव निकला पाक एजेंट स्टार्टअप आइडिया: कबाड़ कनेक्ट क्या है ये?एक ऐसा मोबाइल ऐप और फिजिकल नेटवर्क, जो गांवों में लोगों से कबाड़ इकट्ठा करता है, उसे अलग-अलग कैटेगरी में बाँटता है, और रिसाइक्लिंग कंपनियों को…

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