मच्छर कम खतरनाक हैं, स्कूल ज्यादा: मच्छरदानी में बैठकर छात्रों का कटाक्ष

गोंडा ज़िले के कलेक्ट्रेट परिसर में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जहाँ राष्ट्रीय छात्र पंचायत के कार्यकर्ता मच्छरदानी में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। विरोध था – प्राइवेट स्कूलों की फीस वसूली की ‘खून चूस’ नीति के खिलाफ। आंदोलनकारियों ने कहा, “मच्छरों से तो मच्छरदानी बचा लेती है, लेकिन इन स्कूलों से कैसे बचें?” ट्रंप बोले “हमेशा जीतते हैं”, जनता बोली “चल हट!” छात्र नेता का तंज: मच्छर तो फिर भी शरीफ हैं! राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय ने पत्रकारों से कहा, “मच्छर रात में ही खून पीते हैं,…

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