लखनऊ की अजादारी: मोहर्रम की परंपरा, इतिहास और गंगा-जमुनी तहज़ीब का संगम

मोहर्रम का महीना सिर्फ शोक और इबादत का नहीं, बल्कि इतिहास, बहादुरी और इंसानियत की मिसाल है। पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में पूरी दुनिया में अजादारी होती है, लेकिन लखनऊ की अजादारी न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक, साहित्यिक और सामाजिक परंपराओं की एक बेमिसाल मिसाल है। यहां के शाही जुलूस, मर्सिये, ताबूत और गंगा-जमुनी तहज़ीब इसे विश्वभर में खास बनाते हैं। 06 जुलाई की ब्रेकिंग न्यूज़: प्रतापगढ़ से लेकर अमेरिका तक की 10 बड़ी खबरें तीन शाही जुलूस: नवाबी दौर…

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