“संघ” एक ऐसा शब्द है, जो किसी के लिए ‘संस्कृति का प्रहरी’ है, तो किसी के लिए ‘साजिशों का संरक्षक’। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत में एक सदी से अधिक समय से सक्रिय है — शाखाओं से लेकर सियासत तक, शिक्षा से लेकर संस्कृति तक, इसके प्रभाव की शाखाएं दूर-दूर तक फैली हैं। पर जितनी चर्चा इसकी ‘संघर्ष-गाथा’ की होती है, उतनी ही इसकी ‘संगठित-विवादों’ की भी। नाथूराम गोडसे से लेकर अयोध्या आंदोलन, पाठ्यपुस्तक संशोधन से लेकर भागवत बनाम बीजेपी खींचतान — RSS ने हर दौर में खुद को ज़िंदा…
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RSS@100: संघ के 100 साल और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना का सफ़र
आरएसएस, जिसे आमतौर पर संघ के नाम से जाना जाता है, एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है. इसकी स्थापना 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. RSS खुद को एक सांस्कृतिक संगठन बताता है, लेकिन इसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का वैचारिक अभिभावक भी माना जाता है. संघ से जुड़े लोगों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन एक अनुमान के अनुसार देश में करीब एक करोड़ स्वयंसेवक हैं. आरएसएस के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? RSS का मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति,…
Read Moreबौद्ध महाकुम्भ यात्रा: प्रयागराज महाकुम्भ में लगेगी सम्राट हर्षवर्धन की विशाल प्रतिमा
महाकुम्भ में लिया गया बौद्ध व सनातनी एक थे, एक हैं,एक रहेंगे का संकल्प महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ मेला क्षेत्र में सम्राट हर्षवर्धन की विशाल प्रतिमा लगवायी जाएगी। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने बौद्ध महाकुम्भ यात्रा के समापन अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं के समक्ष यह बात कही।इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सम्राट हर्षवर्धन महा दानवीर थे। वह प्रत्येक कुंभ में आकर अन्नदान, वस्त्रदान करते थे। सम्राट हर्षवर्धन हिन्दू थे। विश्व को करुणा एवं मैत्री का संदेश…
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