पाकिस्तान की सेना सिर्फ एक सैन्य ताकत नहीं, बल्कि देश की सबसे बड़ी कारोबारी संस्था बन चुकी है। जितना उसका प्रभाव सीमा पर है, उतना ही असर वो देश की आर्थिक धमनियों पर भी रखती है। “मिलिट्री + बिज़नेस = मिलिट्रोनॉमी”, यह शब्द आज पाकिस्तान में सेना की हकीकत को बखूबी बयां करता है। सिंधु पर युद्ध: पानी पर भारत के फैसले से पाकिस्तान में कोहराम! कारोबार के हर कोने में सेना तेल, गैस, सीमेंट, रियल एस्टेट, कृषि, सिक्योरिटी, शॉपिंग मॉल, खाद-कारखाने – ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जहां पाकिस्तानी…
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