पश्चिमी सूडान के मर्रा पर्वत के शांत लेकिन संघर्षग्रस्त इलाके में 31 अगस्त को भारी बारिश और भूस्खलन ने ऐसा तांडव मचाया कि 1,000 से ज्यादा लोग जिंदा दफन हो गए। बचे सिर्फ़ एक – और बाकी छोड़ गए सन्नाटा। बारिश से नहीं, बर्बादी से टूटा गांव ‘तारासिन’ लगातार कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने ज़मीन की नींव हिला दी। और फिर आया वो मंजर जिसे गांव ‘तारासिन’ शायद कभी भूल नहीं पाएगा – भूस्खलन ने पूरे गांव को निगल लिया। सूडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी (SLM/A) का कहना है…
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