संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में कुछ दिलचस्प “ऑयली बातें” हुईं। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका के टैरिफों और दबावों पर ऐसा बयान दे दिया कि वॉशिंगटन में तो शायद कॉफी गिर गई हो! जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अमेरिकी सेकेंडरी प्रतिबंध भारत-रूस की इकोनॉमिक बॉन्डिंग में सेंध लगा सकते हैं, लावरोव बोले — “खतरे में नहीं है… भारत अपने पार्टनर्स खुद चुनता है। US को अगर दिक्कत है, तो बात कर ले।” मतलब साफ है: दिल्ली जो करेगी, वही फाइनल है। और वॉशिंगटन? वो…
Read More