बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनावी शोर थम चुका है। अब सबकी निगाहें उस 18% दलित वोट बैंक और सीमांचल के मुस्लिम मतदाताओं पर हैं, जिनके बिना कोई भी पार्टी बहुमत का सपना नहीं देख सकती।“इस बार वोट नहीं, वोट बैंक ही तय करेगा कि कुर्सी किसकी होगी।” दलित फैक्टर: पासवान और मांझी की जोड़ी से NDA का गणित मजबूत? राज्य के कुल 18% दलित मतदाताओं में 13% महादलित (2.5% मुसहर) और 5% पासवान (दुसाध) हैं। करीब 100 सीटों पर इनकी निर्णायक भूमिका है।बीते चुनाव में जब चिराग…
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