15 जुलाई को पाकिस्तानी पत्रकार जासमीन मंजूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ऐसी तस्वीर शेयर की जिसने पूरे पाकिस्तान की आत्मा को झकझोर दिया — सूजे चेहरे, नीली आंख और बैकग्राउंड में खामोश दर्द। कैप्शन था: “हां, ये मेरी कहानी है… एक हिंसक इंसान ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।” अब सवाल उठे, “ये बहादुर चेहरा किस कहानी को जीता रहा है इतने सालों से?” हीर राँझा (1970) रेट्रो रिव्यू: शायरी में डूबी मोहब्बत की सबसे दर्दनाक फिल्म जासमीन मंजूर का वीडियो बयान: “रेड फ्लैग को हल्के में…
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