मर गया न्याय! हजरतगंज की कविता, एक्स जज साहब और सिस्टम की चुप्पी

हजरतगंज में एक महिला ने आत्महत्या कर ली। नाम था कविता निषाद। लेकिन ये नाम अब सिर्फ एक पुलिस डायरी में दर्ज नंबर नहीं, बल्कि उस तंत्र की लाश पर पड़ा फूल है जो हर बार VIP टाइटल के सामने घुटने टेक देता है। गोमती नदी में उसने छलांग लगाई, मगर सवाल अब भी सतह पर तैर रहा है—क्या न्याय इतना सस्ता हो गया है कि रुतबे से खरीदा जा सके? अब पानी भी बारूद है! पाकिस्तान ने कोर्ट जीता, भारत ने इरादा महेश की मौत: चोरी का आरोप या…

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