सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने एक दुर्लभ और ईमानदार स्वीकारोक्ति की — वो भी सार्वजनिक मंच पर। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के 10वें अखिल भारतीय सम्मेलन 2025 में उन्होंने कहा, “प्रशासनिक सेवाओं से आने वाले जज अक्सर सरकार के खिलाफ आदेश देने से बचते हैं। वे अपनी पृष्ठभूमि नहीं भूलते।” ये बयान सुनकर कानून के छात्रों से लेकर ट्वीटर पर बैठे ‘लॉ एक्सपर्ट्स’ तक सब चौंक गए। एक तरफ जहां इसे “सिस्टम के भीतर से आई ईमानदारी” कहा जा रहा है, वहीं कुछ लोग इसे “जजों में…
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