“बिहार बोला— PK जी, पॉलिटिक्स मैदान है, Excel शीट नहीं!”

एक दौर था— जब प्रशांत किशोर से मिलने के लिए बड़े-बड़े नेता बाहर कुर्सियाँ पकड़कर इंतज़ार करते थे।नीतीश कुमार ने तो उन्हें सीधे सरकार का हिस्सा बनाया, सलाहकार पद दिया, और बिहार की राजनीति के ‘चतुर चाणक्य’ का ताज उनके सिर पर चढ़ गया। धीरे-धीरे PK को यही लगा कि— “इंडिया की राजनीति मुझसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता।” कॉन्फिडेंस था, लेकिन धीरे-धीरे गुमान हो गया। PK की राजनीति: Data Perfect, लेकिन Ground Zero सच ये है कि— डेटा आपकी स्लाइड चमका सकता है। प्रेजेंटेशन को प्रोफेशनल बना सकता है। लीडर्स को…

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