भूकंप में कांपा अफ़ग़ानिस्तान, लेकिन इंसानियत अब भी ‘साइलेंट मोड’ में

जब 6.0 तीव्रता का भूकंप आधी रात को अफ़ग़ानिस्तान के कुनार और जलालाबाद जैसे क्षेत्रों को झकझोर गया, तो मिट्टी के घरों के साथ-साथ हज़ारों सपने भी मलबे में दब गए।600 से अधिक लोगों की मौत, 1500 घायल – और सैकड़ों अब भी दबे हैं, लेकिन इससे भी ज़्यादा भारी खामोशी है – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। जहाँ जापान, तुर्किये, या यूक्रेन जैसे देशों में संकट आते ही 2 घंटे में मदद के जहाज़ रवाना हो जाते हैं, वहीं अफ़ग़ानिस्तान के लिए? सिर्फ शोक-संदेश, और वो भी ट्विटर पर। Politics vs…

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