UPSC की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स जानते हैं कि सिर्फ किताबों से ज़्यादा, सोच की भी जरूरत होती है। और सोच की फैक्ट्री अगर किसी ने खड़ी की थी—तो वह थे डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर।Ph.D., कानून, अर्थशास्त्र और सामाजिक सुधार—सब कुछ ऐसा जैसे किसी ने “All Subjects Topper” मोड अनलॉक कर लिया हो। उनके विचार सिर्फ प्रेरक नहीं, बल्कि आज भी UPSC वाले स्टूडेंट को वही एहसास दिलाते हैं कि— “पढ़ाई केवल परीक्षा के लिए नहीं, समाज बदलने के लिए भी होती है।” अपनी किस्मत से ज़्यादा अपनी क्षमता पर…
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