लगता है डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की चाय छोड़कर बनारस की ठंडाई को हाथों हाथ लिया है। नहीं तो ऐसा कौनसा अमेरिकी नेता होगा जो कभी परमाणु युद्ध रोक देता है, कभी चीन को टैरिफ की मिर्ची चखाता है, और कभी-कभी खुद को “शांति का दूत” घोषित कर देता है? अब भला ये सब सिंगल माल्ट के बस की बात है? ठंडाई में जो जोश है, वो अमेरिका की व्हिस्की में कहां! ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान का 48 घंटे वाला सपना, भारत ने 8 घंटे में तोड़ डाला परमाणु युद्ध?…
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