शहीद (1965) रेट्रो रिव्यू: भगत सिंह पर बनी सबसे प्रामाणिक देशभक्ति फिल्म

“तिरंगा सिर पर, पगड़ी जट्टा सम्हाल रे!” — ये कोई मेटा-फोर्स डायलॉग नहीं, बल्कि 60s की वो देशभक्ति थी जो आज भी रोंगटे खड़े कर दे। असेंबली में बम और कैमरे में क्रांति शुरुआत होती है इंडिया के 1911 से — जहां भगत सिंह अपने चाचा अजित सिंह की गिरफ़्तारी देखता है और बचपन से ही क्रांति का Zoom-Call join कर लेता है। लाला लाजपत राय की मौत हो, या असेम्बली में धमाका, भगत सिंह की एंट्री हैट के साथ होती है — literally! और फिर आती है फांसी की…

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