साल था 1970, जब राज कपूर ने तय किया कि अब वो सिर्फ दिल ही नहीं, दर्शकों का धैर्य भी टेस्ट करेंगे। “मेरा नाम जोकर” रिलीज़ हुई – एक 4 घंटे लंबी भावनात्मक जर्नी, जिसमें प्रेम, पीड़ा और पब्लिक की प्यास सब कुछ था… बस पॉपकॉर्न जल्दी खत्म हो गया। जोकर की कहानी या ऑडियंस की अग्निपरीक्षा? राजू जोकर (राज कपूर) की ज़िंदगी तीन हिस्सों में बंटी है, जैसे हर सरकारी स्कीम – स्टूडेंट फेज, सर्कस फेज और ‘अब बस करो भाई’ फेज। टीचर वाला क्रश – सिमी गरेवाल से…
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