बैजू बावरा रेट्रो रिव्यू: जब सुरों से हुआ प्रतिशोध | क्लासिक म्यूज़िकल का जादू

1952 में जब बैजू बावरा रिलीज़ हुई, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि संगीत से भी बदला लिया जा सकता है। लेकिन बैजू ने ये करके दिखाया — और वो भी तानसेन से! अगर आज कोई कहे “मैं राग भैरवी में तेरा सर्वनाश कर दूंगा”, तो शायद ब्रेकअप कर ले… लेकिन तब ये डायलॉग क्लाइमेक्स था। भारत भूषण की एक्टिंग और मीना कुमारी की मासूमियत बैजू बने भारत भूषण — चेहरे पर संगीत का दर्द और आँखों में मुरली का जूनून। और मीना कुमारी? जैसे राग यमन को…

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