“जो शक्ति का सम्मान करे, वही सनातनी कहलाए!”

जब पूरी दुनिया महिलाओं को बराबरी की लड़ाई के लिए झूझते देख रही थी, सनातन धर्म तब से नारी को देवी, जगत जननी और शक्ति मानता आ रहा है। यहाँ नारी कोई अबला नहीं, बल्कि “शक्ति स्वरूपा” है — वही शक्ति जिससे त्रिमूर्ति भी संचालित होते हैं। शक्ति के तीन रूप: देवी, जननी और ज्ञान सनातन में स्त्री को केवल गृहिणी या माता तक सीमित नहीं किया गया। वह सरस्वती बनकर ज्ञान देती है, लक्ष्मी बनकर समृद्धि लाती है और काली/दुर्गा बनकर राक्षसों का नाश करती है। यह दृष्टिकोण दिखाता…

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पवन सिंह, टच और ‘मर्दाना नज़रिया’ सड़ा है! वो माल नहीं उसमें भी जान है

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का एक वायरल वीडियो फिर से उस सड़ांध को सामने लाया है, जो ‘मर्दानगी’ के नाम पर न केवल फिल्मों में, बल्कि समाज के हर कोने में फैल चुकी है। मुद्दा सिर्फ एक टच का नहीं है। मुद्दा उस सोच का है, जो हर औरत को ‘माल’, ‘वस्तु’, ‘ककड़ी’, ‘टमाटर’ और जाने क्या-क्या समझती है। स्त्री नहीं, सामान है? ये कहाँ की सोच है! जब लड़कियों को देखकर आँखें सीधा कमर, नाभि, और स्तनों पर टिक जाती हैं, तो समझिए ये सिर्फ नजर की ग़लती नहीं,…

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