“फैसला हमारे हक़ में तो न्याय, वरना सुप्रीम कोर्ट भी गलत!”— नया ट्रेंड?

भारत में लोकतंत्र की रीढ़ कही जाने वाली संस्था – न्यायपालिका (Judiciary) – इन दिनों एक अलग ही किस्म के दबाव में है।अब एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है: “जब कोर्ट का फैसला पक्ष में हो तो सर आंखों पर। और न आए तो कोर्ट पर ही सवाल उठाओ!” ऐसा ट्रेंड न सिर्फ लोकतंत्र की सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि आम जनता में न्यायपालिका की विश्वसनीयता को भी कमजोर करता है। जब सुप्रीम कोर्ट सिर्फ एक “राजनीतिक टूल” बन जाए? कई नेता, जब कोई फैसला उनके खिलाफ…

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