लड़ लो भाई! हथियारों से ग्लेशियर तो पिघलेंगे नहीं

दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन का संकट बढ़ रहा है, तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है, लेकिन महाशक्तियों को इससे ज़्यादा चिंता इस बात की है कि किसका बॉर्डर कितना बड़ा है। ईरान और इजराइल एक-दूसरे पर मिसाइलें तान चुके हैं, वहीं रूस और यूक्रेन तो जैसे युद्ध के स्थायी किरायेदार बन चुके हैं। लगता है जैसे “ग्लोबल वॉर्मिंग” से ज्यादा जरूरी है “जियो-पॉलिटिकल वार्मिंग”। Ansal API: प्रॉपर्टी के नाम पर झुनझुना, अब जांच टीम का डंडा! पिघलती बर्फ, लेकिन नीयत नहीं हिमालय से लेकर आर्कटिक तक बर्फ तेज़ी से पिघल…

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