बिहार की राजनीति जब भी करवट लेती है, लालू प्रसाद यादव का नाम उसमें गूंजता है—कभी जोशीले अंदाज़ में, कभी सवालों के कटघरे में, लेकिन हमेशा असरदार। लालू सिर्फ नेता नहीं, एक परंपरा, एक शैली और एक संस्थान हैं। और उनका परिवार? मानो इस संस्थान की शाखाएं हों, जो सत्ता, संघर्ष और सियासत के पेड़ों पर लहराते हैं। भारत से पिटकर मदद की भीख! शहबाज शरीफ की 4 देशों की दौड़ शुरू गांव से गांधी मैदान तक: लालू यादव की यात्रा फुलवरिया के छोटे से गांव से निकला वह युवक,…
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