22 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों — फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान — पर हवाई हमले किए। ट्रंप ने एक्स पर लिखा कि फ़ोर्दो पर “बमों की पूरी खेप” गिराई गई और सभी विमान सुरक्षित लौट आए। ईरान तनाव पर पीएम मोदी की शांति अपील | जानिए भारत की भूमिका यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिका और ईरान के बीच वर्षों बाद परमाणु समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हो रही थी। देशों की तीखी प्रतिक्रिया:…
Read MoreTag: मुस्लिम देश
ईरान बोले- इसराइल हटो बाजू! और ओआईसी ने बजाई ताली
मध्य पूर्व में जारी भू-राजनीतिक ड्रामे में एक नया ट्विस्ट आया है। इसराइल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते टकराव के बीच अब इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) भी एक्टिव मोड में आ गया है। विजय रूपाणी की मौत की पुष्टि, अहमदाबाद विमान हादसे में हुआ DNA मैच अब्बास अराग़ची की फोन कॉल और ओआईसी का बयान ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा से फोन पर बातचीत की। बातचीत के बाद जो बयान आया, उसने मध्य पूर्व की राजनीति…
Read Moreमुस्लिम देशों की ज़मीन फ़लस्तीन को देने का विश्लेषण
इसराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने हाल ही में एक ऐसा सुझाव दिया, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि मुस्लिम देशों को अपनी कुछ ज़मीन फ़लस्तीन के लिए दे देनी चाहिए ताकि एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र की स्थापना हो सके। इस सुझाव का जमीनी स्तर पर क्या अर्थ होगा? क्या खाड़ी देश और अन्य मुस्लिम देश इस पर सहमत होंगे? चलिए गहराई से समझते हैं। “मुस्लिम देश दें ज़मीन फ़लस्तीन को” – हकाबी का बम! क्या है माइक हकाबी का सुझाव? माइक हकाबी…
Read More“मुस्लिम देश दें ज़मीन फ़लस्तीन को” – हकाबी का बम!
इसराइल में अमेरिका के राजदूत माइक हकाबी ने फ़लस्तीनी राष्ट्र की स्थापना को लेकर एक विवादास्पद सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों को अपनी कुछ ज़मीन फ़लस्तीन को देनी चाहिए ताकि अलग राज्य का गठन संभव हो सके। शुभांशु का स्पेस मिशन फिर रुका, अब टकटकी नई तारीख़ पर “मुस्लिम देशों के पास है ज़्यादा ज़मीन” हकाबी ने अपने बयान में कहा: “मुस्लिम देशों के पास इसराइली नियंत्रण वाली ज़मीन से 644 गुना अधिक भू-भाग है। अगर दुनिया फ़लस्तीन को राष्ट्र बनते देखना चाहती है, तो कोई तो…
Read Moreइजराइल से क्यों चिढ़ते हैं खाड़ी देश? अमेरिका का लाडला कैसे बना ताकतवर खिलाड़ी!
इजराइल— एक ऐसा देश जो दुनिया के नक्शे पर जितना छोटा है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका उतना ही बड़ा प्रभाव है। खासकर खाड़ी देशों के लिए, यह नाम न सिर्फ कूटनीतिक तनाव का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक संघर्ष की निरंतरता भी है। पर सवाल है — खाड़ी देशों को इजराइल से इतनी चिढ़ क्यों है? और अमेरिका इसके साथ क्यों खड़ा रहता है? वॉशिंगटन में दो इसराइली राजनयिकों की हत्या, भारत ने जताया सख़्त विरोध 1. अरब-इजराइल युद्धों की विरासत: शुरुआत कहां से हुई? 1948 में इजराइल की स्थापना…
Read More