Eid-e-Milad-un-Nabi की बधाई ! “जश्न में उजाला हो, लेकिन अकल की बिजली भी जले!”

ईद मिलादुन्नबी यानी वो दिन जब पूरी दुनिया में रहमतों के ताजदार, सरवरे कायनात हज़रत मोहम्मद ﷺ की पैदाइश का जश्न मनाया जाता है।सड़कें सजती हैं, दिल रोशन होते हैं, और WhatsApp स्टेटस की रीलों में नबी ﷺ की शान में कसीदे पढ़े जाते हैं। “Light lagao, लेकिन Mind भी On रखो!” – A Friendly Reminder जश्न मनाना कोई गुनाह नहीं, लेकिन नबी ﷺ की असली सीरत सिर्फ ग्रीन लाइटिंग और बैनर से नहीं आती। अगर आप loudspeaker से नाते पढ़ रहे हैं लेकिन पड़ोस के बुज़ुर्ग चैन से नहीं…

Read More

बकरीद से पहले बयानबाज़ी तेज, कुर्बानी पर तकरार: बकरा काटो या कद्दू?

त्योहार आने से पहले भारत में कुछ भी सामान्य नहीं होता, खासकर जब त्योहार का नाम बकरीद हो और कुर्बानी शब्द साथ में जुड़ा हो। RCB जीती ट्रॉफी, सिस्टम हार गया! जीत का जश्न बना मातम, 7 की मौत दो मौलाना, दो विचार: एक बोले बकरा ही परंपरा, दूसरा बोले त्याग ही असली कुर्बानी बकरीद पर कुर्बानी को लेकर देश के दो मुस्लिम धर्मगुरुओं के बयान आमने-सामने हैं। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी बोले – “बकरीद 1450 साल पुरानी परंपरा है, और उसी तरह बकरा काटा जाएगा। किसी के कहने से…

Read More