धूल का फूल: “तू हिंदू बनेगा…” – जो धर्मनिरपेक्षता का नेशनल एंथम बन गया

1959 में जब बी.आर. चोपड़ा ने अपने छोटे भाई यश को डायरेक्शन की गद्दी सौंपी, तब शायद उन्होंने नहीं सोचा होगा कि हिंदी सिनेमा का सबसे संवेदनशील फिल्ममेकर पैदा हो रहा है — और वो भी एक ऐसी कहानी से, जिसमें बच्चा जंगल में साँप के साथ सेफ है, लेकिन समाज के बीच अनसेफ! धर्म, नैतिकता और ‘कुर्सी’ — कोर्ट में सब चुप! महेश कपूर (राजेंद्र कुमार) ने न सिर्फ प्रेमिका मीना को छोड़ा, बल्कि अपने बेटे को भी जंगल में फेंक दिया। लेकिन VIP बनकर लौटे तो “जज साहब”…

Read More