कभी लगता है कि देश WhatsApp यूनिवर्सिटी से चल रहा है, तो कभी ऐसा कि संसद अब इंस्टाग्राम लाइव हो चुकी है। ऐसे में कुछ लोग कह रहे हैं – “देश को चाहिए 10 साल का अनुशासित लोकतंत्र!” अब सवाल ये है कि ये अनुशासन ‘लोकतांत्रिक अनुशासन’ है या ‘लोकतंत्र पर अनुशासन’? आइए देखते हैं! जनहित में अनुशासन ज़रूरी है… लेकिन किसका? देश की समस्याओं की सूची देखें — ट्रैफिक से लेकर ट्विटर तक — हर जगह “आज़ादी” का ऐसा तांडव है कि गवर्नमेंट को ‘नैतिक मोरल पुलिस’ बनकर उतरना…
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