बदलती राजनीति में भाषा का पतन: अब विरोध दलों का नहीं, दिलों का होने लगा है

भारतीय राजनीति का स्तर अब नीतियों की बहस से हटकर निजी हमलों और विकृत भाषा की ओर मुड़ गया है। पहले जहां विपक्षियों के बीच “मतभेद” होता था, अब “मनभेद” साफ झलकता है। आज की राजनीति में भाषा एक सेतु नहीं, एक हथियार बन चुकी है। “राजनीति में गाली गलौज” और “नेताओं की विवादित भाषा” जैसे कीवर्ड्स गूगल पर टॉप ट्रेंड कर रहे हैं। कोई भी नया बिजनेस डालने से पहले करें ये 7 ज़रूरी रिसर्च जब बहस की जगह बवाल ने ली कभी संसद में अटल बिहारी वाजपेयी जैसे…

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