जब कर्बला की तपती रेत पर इंसानियत का इम्तिहान हुआ, तब सिर्फ इमाम हुसैन (अ.स.) ही नहीं, बल्कि उनकी बहन बीबी ज़ैनब (स.अ.) भी इतिहास रच रही थीं। ज़ैनब का किरदार सिर्फ एक बहन का नहीं, बल्कि हिम्मत, सब्र और आवाज़-ए-हक़ की पहचान है। 6 जुलाई की रात ‘तबाही’ लाएगी? ईरान का ट्रिपल अटैक प्लान नौहा: ” बीबी ज़ैनब ने जब कर्बला देखा…” बीबी ज़ैनब ने जब कर्बला देखा,आंखों से आंसू, दिल से खुदा देखा।भाई के लाशों पर खड़ी रही,ज़ालिमों का भी सामना बे-ख़ौफ़ किया। क़ैद में चादर छीनी गई,पर…
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