रेट्रो रिव्यू: दोस्ती (1964) – जब दोस्ती में रोना गारंटी था

1964  की फिल्म दोस्ती कोई फिल्म नहीं, एक एंटीक इमोशनल तोप थी, जो हर दर्शक की आंखों पर डायरेक्ट हमला करती थी। इस फिल्म को देखकर ऐसा लगता था जैसे डायरेक्टर ने कह दिया हो, “भाई, जो नहीं रोया, उसे टिकट फ्री!” प्लॉट या इमोशनल जाल? कहानी दो दोस्तों की है – एक अंधा, दूसरा लंगड़ा। सुनने में लगेगा कि ये कोई अस्पताल की दोस्ती है, पर नहीं – ये उस जमाने की स्क्रिप्ट है जब इमोशन का मीटर ऑटोमैटिक हायपर पर था। हर सीन में या तो किसी का…

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