भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि एक विचार, एक आवाज़ और एक आन्दोलन थे। उन्होंने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश हुकूमत और सामाजिक अत्याचारों के खिलाफ आदिवासी समाज को झकझोरा और उसे उसके अधिकारों के लिए खड़ा किया। आज, 9 जून 2025 को उनकी 125वीं पुण्यतिथि पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। सिद्ध बाबा की पहाड़ी न्यूक्लियर साइट? लड़के कर रहे थे ‘देसी बम’ की टेस्टिंग उलगुलान: जब जंगल से उठी बगावत की गर्जना बिरसा मुंडा ने सिर्फ बंदूक या बगावत से…
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