जैसलमेर आर्मी डिपो में तैनात 35 वर्षीय महेंद्र मेघवाल दिवाली की छुट्टियां मनाने अपने गांव जा रहे थे। साथ में थी पत्नी पार्वती, बेटियां खुशबू, दीक्षा और छोटा बेटा शौर्य। सभी जोधपुर जिले के डेचू गांव स्थित घर में खुशियों की तैयारी में जुटे थे, लेकिन किसे पता था कि ये उनकी जिंदगी का आखिरी सफर होगा। मनहूस बस और जलती उम्मीदें जैसलमेर से रवाना हुई एक प्राइवेट बस में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि 20 से ज्यादा लोग मौके पर ही झुलसकर मौत के…
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