“किताब दी नहीं, फरसा पकड़ाया!” – प्रो.बोले, संघ की पाठशाला का असली पाठ

लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में पढ़ाने वाले प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली और आरएसएस पर सवाल उठा दिए। नतीजा? तीन साल पुराना मामला फिर से खोल दिया गया। पोस्ट में लिखा गया – “फुले-आंबेडकर ने महिलाओं को किताब दी थी, नेहरू ने अवसर दिए, लेकिन संघ आज त्रिशूल और फरसा पकड़ा रहा है।” आशु की हार से कांग्रेस की तकरार उजागर, पंजाब में ‘आप’ की बल्ले-बल्ले अब भाई, इतना कहना तो संविधान के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, पर यूपी प्रशासन ने इसे “राज्य…

Read More