इसराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने हाल ही में एक ऐसा सुझाव दिया, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उनका कहना है कि मुस्लिम देशों को अपनी कुछ ज़मीन फ़लस्तीन के लिए दे देनी चाहिए ताकि एक स्वतंत्र फ़लस्तीनी राष्ट्र की स्थापना हो सके। इस सुझाव का जमीनी स्तर पर क्या अर्थ होगा? क्या खाड़ी देश और अन्य मुस्लिम देश इस पर सहमत होंगे? चलिए गहराई से समझते हैं। “मुस्लिम देश दें ज़मीन फ़लस्तीन को” – हकाबी का बम! क्या है माइक हकाबी का सुझाव? माइक हकाबी…
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इजराइल से क्यों चिढ़ते हैं खाड़ी देश? अमेरिका का लाडला कैसे बना ताकतवर खिलाड़ी!
इजराइल— एक ऐसा देश जो दुनिया के नक्शे पर जितना छोटा है, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उसका उतना ही बड़ा प्रभाव है। खासकर खाड़ी देशों के लिए, यह नाम न सिर्फ कूटनीतिक तनाव का प्रतीक है, बल्कि एक ऐतिहासिक संघर्ष की निरंतरता भी है। पर सवाल है — खाड़ी देशों को इजराइल से इतनी चिढ़ क्यों है? और अमेरिका इसके साथ क्यों खड़ा रहता है? वॉशिंगटन में दो इसराइली राजनयिकों की हत्या, भारत ने जताया सख़्त विरोध 1. अरब-इजराइल युद्धों की विरासत: शुरुआत कहां से हुई? 1948 में इजराइल की स्थापना…
Read Moreतुर्की में पुतिन से सीधी बातचीत को तैयार ज़ेलेंस्की, ट्रंप बोले- “अब करो बात”
रूस-यूक्रेन युद्ध के दो साल पूरे हो चुके हैं और अब शांति की उम्मीदें फिर से जगी हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को तुर्की के इस्तांबुल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने की पेशकश की है। पाकिस्तान ने मानी भारत की एयरस्ट्राइक में विमान को नुकसान, भारतीय पायलट की हिरासत से किया इनकार ज़ेलेंस्की का बयान एक्स पर जे़लेंस्की ने एक्स पर कहा: “अब और जानें गंवाने का कोई मतलब नहीं है। मैं गुरुवार को पुतिन का तुर्की में इंतजार करूंगा,…
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