सत्ता बदली, बम फूटे! बांग्लादेश में फिर गूंजे ‘जिहाद चाहिए’ के नारे

आवामी लीग सरकार के जाते ही ऐसा लगता है जैसे बांग्लादेश के कुछ ‘पुराने दोस्त’ वापस छुट्टियों से लौट आए हैं — लेकिन इस बार नारे और पोस्टर के साथ! ढाका की बैतुल मुकर्रम मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद का नज़ारा देखकर किसी को भी लगेगा कि जिहाद अब सार्वजनिक सभा का नया फैशन हो गया है। नारेबाज़ी: “कौन हैं हम? मिलिटेंट, मिलिटेंट!” हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम, और जमात-ए-इस्लामी जैसे आतंकी संगठन अब “अंडरग्राउंड” नहीं रहे। नहीं, ये लोग किसी गुफा से नहीं बल्कि मस्जिद के…

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बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का उभार: भारत की पूर्वी सीमा पर नया खतरा?

शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक धरती हिल चुकी है। बीएनपी-जमात गठबंधन के उभार ने कट्टरपंथी संगठनों को खुला मैदान दे दिया है – नतीजा? भारत के लिए रणनीतिक सिरदर्द! कोरोना बोला Knock-Knock, गोरखपुर बोला चलो तैयार हो जाएं कट्टरपंथ की रैली और महिला अधिकारों पर हमला 3 मई 2025 को ढाका में हिफाजत-ए-इस्लाम, जमात और बीएनपी समर्थकों की रैली ने सब कुछ साफ कर दिया – ये गठबंधन सुधार नहीं, “शरिया आधारित राष्ट्र” की ओर झुकाव रखता है। महिला अधिकारों के विरोध में झंडे…

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बांग्लादेश: अज़हर इस्लाम को युद्ध अपराध से बरी, तत्काल रिहाई

बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता अज़हर इस्लाम को युद्ध अपराध के मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने उनकी मौत की सज़ा को पलटते हुए तत्काल रिहाई का आदेश सुनाया। तेज प्रताप यादव बोले – “मुझे बड़े पापा बनने का सौभाग्य मिला” इस फैसले के साथ ही एक दशक पुराना विवादास्पद मामला अब नई बहस को जन्म दे रहा है। क्या था मामला? 1971 के बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अज़हर इस्लाम पर मानवता के विरुद्ध अपराध जैसे गंभीर आरोप लगे थे।30 दिसंबर 2014…

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