मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ में हुए संत समागम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भाषण जितना आध्यात्मिक था, उतना ही राजनीतिक तंज और स्पष्ट गुस्से से भरा हुआ भी। उन्होंने न केवल संतों की शिक्षाओं की बात की बल्कि सीधे-सीधे कैराना और कांधला जैसी घटनाओं को उदाहरण बनाकर स्पष्ट किया कि जब समाज संतों की राह से भटकता है, तब कैसी भयावह स्थिति बनती है। सोनम का ‘कामाख्या दर्शन’ बहाना था, असली मंज़िल तो राजा को निपटाना था संतों की राह से बनता है सुरक्षित समाज मुख्यमंत्री ने साफ कहा, “संतों ने…
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