मोसाद: खूफिया एजेंसी या मौत की मशीन? पढ़िए रोमांच से भरी सच्ची कहानियां

कभी एक खामोश संगठन, आज दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी। नाम है – मोसाद। कोई खुलेआम नहीं बोलता, लेकिन सब इसका नाम सुनते ही सतर्क हो जाते हैं। यह वो एजेंसी है जो दुश्मन को ज़िंदा नहीं छोड़ती, और जिसे काम करना आता है – बिना नाम छोड़े। ईरान-इसराइल जंग में कूदा रूस, बोला- अमेरिका ने टांग अड़ाई तो तबाही तय 1949 में इज़रायल की आज़ादी के बाद जब दुनिया में उसके अस्तित्व को ही चुनौती मिल रही थी, तब इस छोटे से देश ने एक ऐसा खुफिया संगठन…

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इजरायल की ‘किलिंग मशीन’ की गुप्त दुनिया और ऑपरेशन्स की गाथा

इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) का नाम सुनते ही एक खामोश और बेहद खतरनाक शक्ति की छवि उभरती है। यह वो एजेंसी है जो न तो भूले और न ही माफ करती है। 13 दिसंबर 1949 को जब डेविड बेन गुरियन ने इसकी नींव रखी थी, तब शायद किसी को अंदाज़ा नहीं था कि एक दिन यह दुनिया की सबसे चर्चित और ताकतवर खुफिया एजेंसी बन जाएगी। ट्रिलियन ड्रामा? पाकिस्तानी एंकर का वायरल ‘नशे वाला’ भाषण! मोसाद का गठन और शुरुआती ढांचा इजराइल की स्थापना के कुछ ही समय…

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