भंडारे की बदलती परंपरा: सेवा से पेटपूजा तक, गर्मी में कैसे बचें बीमारियों से?

गर्मी का मौसम और भंडारे का न्यौता – उत्तर भारत में ये दोनों एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। पहले भंडारा मतलब – सेवा, दया, ज़रूरतमंदों की भूख मिटाना। अब भंडारा मतलब – “चलो आज खाना मत बनाओ, मोहल्ले वाले भंडारे में चलो!” 19 मई 2025: इतिहास का वह दिन जब CISF की शेरनी ने एवरेस्ट फतह किया पहले जहां भंडारे की लाइन में गरीब पहले खड़े होते थे, अब वहां AC वाले लोग इंस्टाग्राम की स्टोरी लाइन में सबसे आगे हैं – #BhandaraVibes। जब सेहत देती है चेतावनी: 1.…

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