साल था 1980। जनता टीवी के बजाय सिनेमा हॉल में “क्लास” लेती थी और रंजीत सिंह लोबो जैसे लोग बच्चों को पढ़ाई से ज़्यादा साज़िशें सिखाते थे। निर्देशक इस्माईल श्रॉफ की ‘बुलन्दी’ ऐसी ही क्लासिक कहानी है जिसमें राज कुमार का संवाद और डैनी का ड्यूल रोल — दोनों ही ‘सिलेबस’ से बाहर हैं। प्लॉट: गुरु और गुंडों का गहन गठबंधन प्रोफेसर सतीश खुराना (राज कुमार) एक आदर्शवादी शिक्षक हैं जिन्हें पढ़ाना है मनजीत सिंह लोबो (डैनी डेन्जोंगपा) को, जो इतने बिगड़े हुए हैं कि Netflix भी उसे कास्ट करने…
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आया सावन झूम के (1969) रेट्रो रिव्यू: धर्मेन्द्र फंस गए इमोशनल मडस्लाइड में
बारिश, मंदिर, बेबी ड्रॉप-ऑफ और धर्म संकट – एकदम 60s क्लासिक सेटअप।निरूपा रॉय यहां भी ट्रेजेडी का पैकेज लेकर आती हैं – नौकरानी बनी हैं, गलती से मालिक को मार बैठती हैं और फिर बेटा छोड़ देती हैं। इससे ज़्यादा बैकस्टोरी अगर Netflix पे होता, तो 3 सीज़न में भी खत्म न हो! धर्मेन्द्र vs भावनाएं: जयशंकर उर्फ़ जय (धर्मेन्द्र) बिजनेस मैन हैं, मगर दिल से Confusion-प्रेमी। आरती (आशा पारेख) से रोमांस शुरू हुआ ही था कि उन्होंने उसके बाप को अनजाने में गाड़ी से कुचल दिया (जैसे गलती से…
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