रेट्रो रिव्यू गाइड: देव और वहीदा ने प्यार, मोक्ष और समाज से दो-दो हाथ किए

अगर आपने “आज फिर जीने की तमन्ना है” कभी गुनगुनाया है, तो इस फ़िल्म के बारे में जानना आपके जीवन के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना इंस्टाग्राम पर “वहाँ कौन है तेरा” वाला ट्रेंड। देव आनंद और वहीदा रहमान अभिनीत गाइड (1965) कोई साधारण प्रेम कहानी नहीं, ये आत्मा की खोज, समाज की धूल झाड़ने, और इंसान की अधूरी इच्छाओं का महाकाव्य है। उपन्यास से स्क्रीन तक – आर.के. नारायण की आत्मा और विजय आनंद का कैमरा फ़िल्म आर के नारायण के उपन्यास “द गाइड” पर आधारित है, लेकिन…

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