लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में पढ़ाने वाले प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली और आरएसएस पर सवाल उठा दिए। नतीजा? तीन साल पुराना मामला फिर से खोल दिया गया। पोस्ट में लिखा गया – “फुले-आंबेडकर ने महिलाओं को किताब दी थी, नेहरू ने अवसर दिए, लेकिन संघ आज त्रिशूल और फरसा पकड़ा रहा है।” आशु की हार से कांग्रेस की तकरार उजागर, पंजाब में ‘आप’ की बल्ले-बल्ले अब भाई, इतना कहना तो संविधान के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, पर यूपी प्रशासन ने इसे “राज्य…
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भारत-पाकिस्तान पोस्ट डालना पड़ा भारी, अली ख़ान महमूदाबाद पहुंचे जेल
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर टिप्पणी और भारतीय सेना की महिला अधिकारियों का उल्लेख करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के चलते हरियाणा पुलिस ने गिरफ़्तार किया। अब सोनीपत की स्थानीय अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि पुलिस की सात दिन की रिमांड की याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया। क्या था मामला? प्रोफ़ेसर अली ख़ान ने हाल ही में कर्नल सोफ़िया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के प्रेस ब्रीफिंग संबंधी संदर्भ में एक पोस्ट साझा की थी। यह…
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