आजकल लोग कहते हैं – “नई गाड़ी क्यों लेनी, जब पुरानी में भी AC चलता है और EMI नहीं सताती!”सेकंड हैंड कार और बाइक का बिज़नेस अब सिर्फ गराज वालों तक सीमित नहीं रहा। ये एक फुल-टाइम प्रॉफिटेबल स्टार्टअप बन चुका है – खासकर उनके लिए जिनके पास थोड़ी-सी समझ, थोड़ी-सी जगह और काफी सारा ‘सेल्स वाला तड़का’ है। हर सीट पर चिराग! बिहार में चुनाव या पासवान का पावरपैक शो? क्यों करें पुरानी सवारी का धंधा? (क्योंकि नई वाली जेब काटती है) सेकंड हैंड व्हीकल बाजार दिन-दोगुनी, रात-चौगुनी तरक्की…
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