2021 में जब तालिबान फिर से सत्ता में लौटे, तो ऐसा लगा जैसे अफगानिस्तान में घड़ी उल्टी चलने लगी हो।पहले 1996 से 2001 का तालिबानी दौर तो सबने झेला था — लेकिन अब? इस बार लोगों को उम्मीद थी कि “शायद अब थोड़ा मॉडर्न होंगे”, लेकिन नहीं!तालिबान का ‘अपडेटेड वर्जन’ भी वहीं पुराना कोड चला रहा है, जिसमें महिलाओं की आज़ादी “वायरस” मानी जाती है और शिक्षा “सिस्टम एरर”। दाल ही पूरी काली थी: MLA गायकवाड़ जी ने खुद चख कर मारा थप्पड़ महिलाओं को क्या मिला? पर्दा, पाबंदी और…
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