शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश की राजनीतिक धरती हिल चुकी है। बीएनपी-जमात गठबंधन के उभार ने कट्टरपंथी संगठनों को खुला मैदान दे दिया है – नतीजा? भारत के लिए रणनीतिक सिरदर्द! कोरोना बोला Knock-Knock, गोरखपुर बोला चलो तैयार हो जाएं कट्टरपंथ की रैली और महिला अधिकारों पर हमला 3 मई 2025 को ढाका में हिफाजत-ए-इस्लाम, जमात और बीएनपी समर्थकों की रैली ने सब कुछ साफ कर दिया – ये गठबंधन सुधार नहीं, “शरिया आधारित राष्ट्र” की ओर झुकाव रखता है। महिला अधिकारों के विरोध में झंडे…
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