“संघ” एक ऐसा शब्द है, जो किसी के लिए ‘संस्कृति का प्रहरी’ है, तो किसी के लिए ‘साजिशों का संरक्षक’। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत में एक सदी से अधिक समय से सक्रिय है — शाखाओं से लेकर सियासत तक, शिक्षा से लेकर संस्कृति तक, इसके प्रभाव की शाखाएं दूर-दूर तक फैली हैं। पर जितनी चर्चा इसकी ‘संघर्ष-गाथा’ की होती है, उतनी ही इसकी ‘संगठित-विवादों’ की भी। नाथूराम गोडसे से लेकर अयोध्या आंदोलन, पाठ्यपुस्तक संशोधन से लेकर भागवत बनाम बीजेपी खींचतान — RSS ने हर दौर में खुद को ज़िंदा…
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