श्रीनगर हुआ सील, शहीदों की याद भी अब पासवर्ड मांगती है?

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

13 जुलाई, जो कश्मीर में ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता रहा है, आज एक सुरक्षा दिवस में बदल चुका है। श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित कब्रिस्तान — जहां 1931 में मारे गए 21 लोगों की कब्रें हैं — की ओर जाने वाली सभी सड़कों को प्रशासन ने सील कर दिया है।

शहर बंद, रास्ते बंद, यादें भी बंद

श्रीनगर के सभी प्रवेश बिंदुओं पर भारी संख्या में पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती हुई है।
पुलिस ने खुले शब्दों में कहा- 13 जुलाई को ख्वाजा बाज़ार, नौहट्टा की ओर जाने की अनुमति नहीं है।

सीधे शब्दों में:
“श्रद्धांजलि भी अब अनुमति से मिलेगी!”

उमर अब्दुल्ला बोले – घर को जेल बना दिया गया

उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा- “पुलिस और बलों को जेलर की तरह तैनात किया गया है। ये डर किससे है?”

उन्होंने इस कदम को “अलोकतांत्रिक” बताया और पूछा — “क्या उन कब्रों से सरकार को इतना डर लग रहा है?”

महबूबा मुफ़्ती का तंज – हमारे नायकों को भी अपनाइए

महबूबा मुफ्ती ने भावुक टिप्पणी की – “जिस दिन आप हमारे नायकों को अपनाएंगे, दिल की दूरी वहीं खत्म हो जाएगी।”

इतिहास की याद: 1931 की वो दोपहर

13 जुलाई 1931 को श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर डोगरा शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 21 कश्मीरियों को गोली मार दी गई थी
यह दिन अब भी कई कश्मीरियों के लिए आत्म-सम्मान और बलिदान की पहचान है। लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस दिन को अब सार्वजनिक अवकाश नहीं माना जाता।

सच्चाई:

  1. इतिहास अब Google Docs में सेव कर लो, ग्राउंड पर एक्सेस बंद है।

  2. शहीद दिवस अब ‘Permission-Based Memory’ बन गया है।

  3. श्रद्धांजलि के लिए अब GPS लोकेशन ऑफ कर लो वरना नोटिस आएगा।

पुलिस का फरमान – श्रद्धांजलि अगर दी, तो होगी कार्रवाई

श्रीनगर पुलिस ने साफ किया है कि “कोई आदेश का उल्लंघन करेगा तो उस पर सख़्त कार्रवाई होगी।”

मतलब अब श्रद्धांजलि देने से पहले भी ‘सेक्शन’ देखने पड़ेंगे!

जब यादें भी अनुमति से जुड़ी हों…

13 जुलाई की भावना को कोई बंद नहीं कर सकता — पर रास्ते, कब्रिस्तान और दिल तक पहुंचने की छूट अब फाइल और फोर्स तय करते हैं। कश्मीर का शहीद दिवस अब सिर्फ इतिहास की किताबों में बचा है, मैदान में नहीं।

अगली बार 13 जुलाई आए, तो फूल ले जाना मत भूलिए — शायद QR कोड से कब्र तक पहुंचने की इजाज़त मिल जाए!

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