
बीते कुछ महीनों में दक्षिण एशिया की राजनीति में हलचल कुछ ज़्यादा ही एक जैसी दिखने लगी है। श्रीलंका में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर में आग, बांग्लादेश में छात्र संगठन सरकार से भिड़ जाते हैं, और अब नेपाल में जनक्रांति के नाम पर संसद और नेताओं के घर तक फूंक दिए जाते हैं।
ये सब यूं ही नहीं हो रहा… जब तीन पड़ोसी देशों में एक ही पैटर्न दिखने लगे — आर्थिक संकट ➜ युवाओं का गुस्सा ➜ सोशल मीडिया पर आग ➜ सत्ता पलटने की मांग, तो सवाल उठता है क्या ये महज़ संयोग है या कोई ‘सिस्टमेटिक स्क्रिप्ट’ चल रही है?
इस लेख में हम करेंगे तीनों आंदोलनों का पोस्टमॉर्टम, और जानेंगे कि क्या यह जनक्रांति है या जियोपॉलिटिक्स का नया गेमप्लान?
श्रीलंका से शुरुआत, बांग्लादेश में उबाल और नेपाल में विस्फोट!
पिछले 3 सालों में तीन देशों में एक जैसी स्क्रिप्ट देखने को मिली:
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आर्थिक संकट
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जनता का गुस्सा
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सरकार के खिलाफ विद्रोह
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सड़कों पर आग और राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े
पहले श्रीलंका, जहां राष्ट्रपति भवन पर कब्जा हुआ। फिर बांग्लादेश, जहां छात्र संगठनों और बेरोजगारी के मुद्दे पर हिंसा फैली
अब नेपाल, जहां Gen-Z ने संसद से लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों के घर तक को नहीं छोड़ा।
तो क्या ये एक नया South Asian Spring है या फिर कुछ और?
Hidden Forces? सब कुछ अचानक नहीं होता…
विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के आंदोलनों के पीछे सिर्फ जनता का गुस्सा नहीं, बल्कि कई बार बाहरी और अंदरूनी शक्तियाँ भी काम करती हैं।
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NGO Funding
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Social Media Amplification
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Narrative Engineering
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Local Governance की विफलता
कुछ रिपोर्ट्स ये भी इशारा करती हैं कि कई इंटरनेशनल थिंक टैंक और गुप्त संस्थाएं दक्षिण एशिया की स्थिरता को अस्थिर करने में रुचि रखती हैं।
Gen-Z का क्रांतिकारी मोड: Protest Now, Policy Later
आज की युवा पीढ़ी (Gen-Z) के पास है:
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मोबाइल
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मेमेस
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इंटरनेट
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और एक अनफिल्टर्ड गुस्सा
यह गुस्सा सरकारों पर भारी पड़ रहा है, लेकिन सवाल ये है कि:
“क्या हर देश में एक जैसी क्रांति सिर्फ़ संयोग है, या कोई रणनीति चल रही है जो हमारी आंखों से ओझल है?”
“पहले पेट्रोल महंगा होता है, फिर सरकार गिरती है – नया South Asian Trend Alert!”
या “IMF का लोन जितना बड़ा, उतनी ही जल्दी आती है क्रांति!”
कुछ तो गड़बड़ है सरकार!
कई सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि “हर देश में अचानक Gen-Z का एक्टिव हो जाना – अजीब इत्तेफाक नहीं?”
“लगता है क्रांति भी अब ग्लोबल टेम्प्लेट पर हो रही है”
“विरोध तो ज़रूरी है, लेकिन क्या ये सब वाकई ऑर्गेनिक है?”
हर आग अपने आप नहीं लगती
श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल – तीनों देशों में उठे तूफानों में बहुत कुछ कॉमन है।
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असंतोष
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युवा शक्ति
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टेक्नोलॉजी
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और शायद एक अदृश्य ‘सुपरप्लान’
भारत समेत पूरे क्षेत्र के लिए अब ये एक चेतावनी है कि अगर ये पैटर्न समझा नहीं गया, तो अगला नंबर किसी और का भी हो सकता है।
“Gen-Z ने नेपाल में मचाया बवाल, पूर्व पीएम की पत्नी की गई जान!”