‘स्पिरिचुअल’ हुआ इन्वेस्टमेंट! उज्जैन से शुरू हुआ हील इंडिया का मिशन

सत्येन्द्र सिंह ठाकुर
सत्येन्द्र सिंह ठाकुर

मध्य प्रदेश की धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में “स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट” का आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश के व्यापारिक घरानों ने ₹1950 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव दिए।
इस समिट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वेलनेस और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के दिग्गज निवेशकों के साथ 13 वन-टू-वन बैठकें कीं।

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MP को बनाना है ‘हील इंडिया’ का ग्लोबल हब

सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हील इंडिया’ और ‘लाइफस्टाइल मिशन’ का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश अब न सिर्फ एक टूरिज्म हॉटस्पॉट, बल्कि एक समग्र जीवनशैली और वेलनेस नवाचार का सेंटर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने प्रदेश को देश के वेलनेस मिशन का अगुवा बताया।

बड़े निवेश प्रस्ताव: कौन-कौन आ रहा है MP में?

समिट में कई दिग्गज ग्रुप्स ने निवेश का ऐलान किया:

  • भंडारी ग्रुप: ₹984 करोड़

  • अमलतास ग्रुप: ₹400 करोड़

  • सीएचएल हॉस्पिटल ग्रुप: ₹200 करोड़

  • साथ ही लेटेंट डेवकॉन, लाभम ग्रुप, शथायू आयुर्वेद, रॉयल ऑर्किड, शांतिगिरी आश्रम, जिंदल ग्रुप जैसे ब्रांड्स ने रुचि दिखाई।

नीति, अध्यात्म और निवेश का अद्भुत संगम

मुख्यमंत्री यादव ने समिट को एक “परिवर्तनकारी पहल” बताया। उन्होंने कहा कि यहां नीति, निवेश, अध्यात्म और समाज कल्याण का संगम हुआ है।
प्रदेश में वेलनेस केंद्रों और चिकित्सा हब के निर्माण से न सिर्फ स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार में भी भारी वृद्धि होगी।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की नई शुरुआत

सीएम ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा एक ही दिन पड़ने के कारण, यह आयोजन और भी खास हो गया। इस मौके पर प्रदेश में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का पुनः शुभारंभ हुआ, जिसके अंतर्गत 5 करोड़ पौधे रोपे गए।

मध्यप्रदेश निवेश में क्यों है सबसे आगे?

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि नीति आयोग ने MP को “तेज़ी से विकसित होने वाला राज्य” घोषित किया है।
राज्य में:

  • सरप्लस बिजली,

  • आधुनिक अधोसंरचना,

  • और स्थिर प्रशासनिक नीतियाँ हैं,
    जो निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि एमएसएमई सहित विभिन्न सेक्टरों को ₹5000 करोड़ का अनुदान भी प्रदान किया गया है।

रोजगार के नए द्वार खुलने की उम्मीद

पिछली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ₹30 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे 21.75 लाख रोजगार सृजन की संभावना जताई गई है।
धार्मिक और वेलनेस हब बनने से उज्जैन जैसे शहरों में स्थानीय स्तर पर भी रोजगार बढ़ेगा।

निवेश की नई ‘तीर्थ’ स्थली बना उज्जैन!

उज्जैन की धार्मिक महिमा अब निवेश और वैश्विक वेलनेस का केंद्र बनती जा रही है। ‘स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट’ ने यह दिखा दिया कि अब भारत में “मंदिर से मार्केटिंग तक” की सोच के साथ विकास की एक नई धारा बह रही है।
“मध्य प्रदेश आइए, और भारत को विश्वगुरु बनाने की इस यात्रा में भागीदार बनिए।”

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