जयशंकर का पंच: खून और पानी एक साथ नहीं बहते, पाक अब प्यासा रहेगा!

हुसैन अफसर
हुसैन अफसर

राज्यसभा की गंभीर बहस में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, तो विपक्ष के कान खड़े हो गए और पाकिस्तान की प्यास बढ़ गई।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा के बीच, सिंधु जल समझौता भी चपेट में आ गया।

“जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पालता रहेगा, भारत पानी नहीं बहाएगा।”

सिंधु जल समझौता: पानी कम और सब्र का इम्तिहान ज़्यादा

जयशंकर ने समझौते को ‘इतिहास की सबसे उदार डील’ बताया। बोले —

“कोई देश ऐसा नहीं जो अपनी प्रमुख नदी का पानी बिना कानूनी अधिकार के दूसरों को दे… वो भी उन्हें जो बॉर्डर पार से बारूद भेजते हैं।”

मतलब साफ था — अब पानी के बदले पत्थर नहीं सहेंगे

ट्रंप कॉल गुमनाम, जयराम रमेश को मिला साइलेंस का जवाब

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पूछा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक मध्यस्थता पर झूठ बोला?
जयशंकर बोले,

“22 अप्रैल से 16 जून तक मोदी जी और ट्रंप के बीच एक भी कॉल नहीं हुई। फर्जी कॉल पे डिबेट नहीं होती।”

यह बयान आया ऐसे जैसे व्हॉट्सऐप लास्ट सीन से सच्चाई पकड़ी गई हो।

पाकिस्तान के लिए सियासी वॉटरकट, अब बूँद-बूँद को तरसेगा

भारत ने सिंधु जल संधि को सिर्फ स्थगित किया है, पर पाकिस्तान के चेहरे पर यह कूटनीतिक पानी-बम गिरा है। पाकिस्तानी एनालिस्ट अब ‘टैंक में पानी है या सिर्फ ख्याली पुलाव’ वाली बहस में उलझे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: सिर्फ बॉर्डर पर नहीं, संसद में भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

जब देश संसद में आतंकवाद पर एकमत होता है, तो सिंधु भी लाल हो जाती है। जयशंकर का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान के लिए चेतावनी था, बल्कि दुनिया को भी दिखाया कि भारत अब “बॉर्डर क्रॉसिंग नहीं, लाइन क्रॉसिंग की पॉलिटिक्स” में विश्वास नहीं रखता।

पानी अब रणनीति है, सिंधु नहीं सिंघम मूड में भारत

जयशंकर ने संसद में सिर्फ बयान नहीं दिया, एक भावनात्मक, भू-राजनीतिक और सामरिक घोषणा कर दी।
अब जब अगली बार कोई पूछे कि

“भारत ने क्या पानी रोका?”
तो जवाब होगा,
“नहीं… भारत ने सिर्फ वो बहाव रोका, जिसमें आतंक बहता था।”

पाकिस्तान अगली बार पानी मांगे…

भारत की तरफ़ से ऑटोमेटिक रिप्लाई —

“404: Waters Not Found. Please check your diplomatic behavior and try again.”

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