
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक और दिन, एक और राजनीतिक स्क्रिप्ट। इस बार मंच पर थे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़, और उन्होंने ऐसा बयान दे डाला जिससे वॉशिंगटन से लेकर दिल्ली तक माथे पर बल पड़ गए।
“अगर ट्रंप साहब बीच में ना आते तो भारत-पाकिस्तान युद्ध हो चुका होता!” — शहबाज़ शरीफ़ @ UNGA 2025
जी हाँ! शहबाज़ साहब ने अपनी स्पीच में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांत किया, और इसलिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।
भारत: कौन ट्रंप? कब आए? हमें तो याद नहीं!
शहबाज़ का दावा सुनते ही भारत ने तेज़ी से बॉल क्लीनिंग की — मतलब अपने स्टैंड को फिर साफ़ किया। “भारत-पाकिस्तान के सभी मसले द्विपक्षीय हैं, तीसरे पक्ष की कोई ज़रूरत नहीं।” — S. जयशंकर, विदेश मंत्री
भारत ने दो टूक कहा कि पहलगाम हमले के बाद उसने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था और 100+ आतंकियों को खत्म किया गया।
अब भैया, अगर ऐसा ऑपरेशन चल रहा हो और कोई बाहर वाला बोले कि उसने “शांति” ला दी, तो भारत का भड़कना लाजिमी है।
“हमने जंग जीती, अब शांति चाहिए” — शहबाज़ का डायलॉग या डिप्लोमेसी?
शहबाज़ शरीफ़ बोले:

“हम भारत से युद्ध जीत चुके हैं, अब शांति की बात करना चाहते हैं।”
“कौन सी जंग? कब हुई? कौन जीता?” “Breaking: पाकिस्तान ने Netflix war movie देखकर जंग जीतने की घोषणा कर दी!”
भारत ने फिर दोहराया – “नो थर्ड पार्टी”
भारत बार-बार ये क्लियर करता रहा है कि पाकिस्तान से सभी मसले बिलेटरली सुलझाए जाएंगे। आतंकवाद पर “zero tolerance” है और UNGA का मंच शो ऑफ़ करने के लिए नहीं, शो-कॉज़ करने के लिए है
इस ड्रामे का निष्कर्ष?
पाकिस्तान का बयान | भारत की प्रतिक्रिया |
---|---|
ट्रंप ने जंग रुकवाई | ट्रंप कौन? हमें नहीं पता |
नोबेल दो ट्रंप को | नोबेल दो इतिहास को |
हम जंग जीत चुके | हमने तो शुरू भी नहीं की |
अब सवाल ये है — क्या ट्रंप सच में नोबेल के हक़दार हैं, या फिर शहबाज़ शरीफ़ बस “भाई का फैन क्लब” चला रहे हैं?